Monday, June 14, 2010

Conserving Biodiversity - II

We should remember that we are one in million on this wondrous planet. There are ten millions of species in this world from which only two millions of species are identified. Humans are among only handful of species whose population are growing, while most animals & plants are becoming rarer.

The reason behind this is human being activities. With present approach to development, we have cut the forests, drained almost half of the world’s wetlands & emitted enough heat trapping gases to keep our planet warming.

Biodiversity known as variety of life on our planet, which gives us food, clothes, fuel, medicine etc. A world without biodiversity is a very bleak prospect. We may not think that a beetle in our backyard or grass growing by the roadside has a fundamental connection to us, but it does. Millions of people & millions of species are sharing the same planet, only together we can enjoy a safer & prosperous future.

These are some points we have to do for conserving biodiversity.

• We should use public transport instead of individual
• We should prevent water wastage.
• Use of air conditioner should be minimum
• Plant more & more trees.

Debashish Nanda

2 comments:

  1. yup the way we can start by oneself

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  2. i have written a post on my blog about my sickness of this Greenfection.



    मुझे ग्रीनफेक्सन ( Greenfection ) हुआ है , क्या आप भी इससे पीड़ित है ?
    मुझे और मेरे पापा को एक बीमारी हो गयी है , बीमारी का नाम है ग्रीनफेक्सन ( Greenfection ) . हमने अपने छोटे से पर्यावरण में ही हरे- भरे पौधे लगा रखे है . पौधो की रोज देखभाल करना , पानी देना और निराई करना पापा और मेरा रोज का कार्य है . पापा सब्जी लेने के लिए बाजार में जुट बैग ले कर जाते है , सब्जी वाला पोलीथीन में सब्जी दे तो पापा पोलीथीन को मना कर देते है. हम रोज शाम को अपने कोलोनी के पार्क में जाते है , वहां की हरियाली हमें अपने पर्यावरण को हरा भरा और सजीव रखने के लिए प्रेरित करती है . पापा सेविंग करते समय नल खुला नहीं छोड़ते बल्कि मग में पानी रख कर सेविंग करते है , बेकार पानी को फेकते नहीं है बल्कि गमलो में डाल देते है. पापा ऑफिस जाने के लिए मेट्रो सेवा का स्तेमाल करने के बारे में भी सोच रहे है . मम्मी खाना बनाने के लिए ज्यादातर प्रेसर कुकर का प्रयोग करती है , किचेन में दिन में बिजली के प्रकाश का प्रयोग नहीं करती है . प्रयोग में ना हो रहे बिजली के उपकरण तुरंत बंद कर देती है और दिन में किसी प्रकार के बिजली के प्रकाश का प्रयोग नहीं करती है .

    मुझे और मेरे परिवार को ये बीमारी लग गयी है और डाक्टर कहते है की ये अच्छी बीमारी है . क्या आपको ये बीमारी नहीं लगी ?

    visit this link


    http://madhavrai.blogspot.com/2010/06/greenfection.html

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